रोहिणी है गुस्से से लाल
बोली चाँद से
तुम यहाँ हर महीने तो आते हो
लेकिन मुझसे कभी मिल नहीं पाते हो
यु ही आगे बढ़ जाते हो
चाँद ने कहा
मुझे तो सब से मिलना है
सिर्फ तुम ही नहीं हो आकाश में ।
फिर ऐसा मौका भी आया
जब चाँद रोहिणी से मिलने आया
चाँद जब मिला तो
घंटे भर रोहिणी के साथ रह पाया
न जाने उसका गुस्सा कम हुआ या नहीं
पर तब उसका चेहरा लाल तो न दिख पाया।
लेकिन चाँद फिर चल दिया अपने रस्ते
और अब फिर से
रोहिणी है गुस्से से लाल ।
Context: Occultation of Aldebaran by Moon, 14 March 2016
बोली चाँद से
तुम यहाँ हर महीने तो आते हो
लेकिन मुझसे कभी मिल नहीं पाते हो
यु ही आगे बढ़ जाते हो
चाँद ने कहा
मुझे तो सब से मिलना है
सिर्फ तुम ही नहीं हो आकाश में ।
फिर ऐसा मौका भी आया
जब चाँद रोहिणी से मिलने आया
चाँद जब मिला तो
घंटे भर रोहिणी के साथ रह पाया
न जाने उसका गुस्सा कम हुआ या नहीं
पर तब उसका चेहरा लाल तो न दिख पाया।
लेकिन चाँद फिर चल दिया अपने रस्ते
और अब फिर से
रोहिणी है गुस्से से लाल ।
Context: Occultation of Aldebaran by Moon, 14 March 2016